रमेश पुन्हानी डायरेक्ट सेल्लिंग की अमर कहानी

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श्री रमेश पुन्हानी (Ramesh Punhani Direct Selling Success Story) डायरेक्ट सेल्लिंग की एक बेहद प्रेरणा दायक अमर कहानी है, मेरी मुलाकात श्री रमेश पुन्हानी जी से 1998 में हुई थी जब मैं मोदीकेयर (Modicare Top Direct Selling) का बेहद एक्टिव डिस्ट्रीब्यूटर था उन्होंने साथ मैं मोदीकेयर ज्वाइन किया और अगले ही दिन मुझे पता चला उन्होंने मोदीकेयर को छोड़ कर जापान लाइफ (Japan Life) ज्वाइन कर ली जब मैंने वजह जानने की कोशिश की तो पता चला की वोह पेशे से एक इंजीनियर है और बहादुरगढ़ हरयाणा मैं उनकी फैक्ट्री मे काफी नुकसान हो चूका है और अब उसे बंद करने के बाद बहुत क़र्ज़ मैं है और बेहद दबाव मैं ज़िन्दगी है|

उससे निकलने के लिए नेटवर्क मार्केटिंग के इलावा कोई रास्ता नहीं और उन्हें ऐसा लगता है की मोदीकेयर मैं आमदनी देर से होगी जबकि जापान लाइफ मैं तेज़ी से ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है बहार हाल मैं मोदीकेयर मैं लगा रहा और कभी कभार बात चीत होने लगी, थोड़े टाइम बाद उन्हें एहसास हुआ की जापान लाइफ का प्रोडक्ट बहुत महंगा है और बड़े दायरे मैं इसे नहीं बेचा जा सकता|

फिर सन 2000 मैं स्काई बिज़ (skybiz2000.com) की अंधी ने सभी बड़ी कंपनियों को हिला कर रख दिया और बड़े बड़े नेटवर्क ध्वस्त होकर स्काई बिज़ की तरफ जाने लगे श्री पुन्हानी ने स्काई बिज़ (Skybiz) मैं अभी पैर ज़माने ही वाले थे उससे पहले ही सरकार ने उस पर रोक लगा दी और फिर की हुई मेहनत बेकार गयी |


सन 2001 से लेकर 2004 तक हम लोग नयी कंपनियों को खड़ा करने की कोशिश करते रहे कही थोड़ी कामयाबी मिल भी जाती तो कुछ न कुछ कारण से फेल हो जाती थी| समय बीत रहा था और घर की परेशानिया दिन प्रतिदिन बढ़ रही थी मेरी उम्र तो महज 22-23 साल की थी तो मेरे लिए तो ज़िंदगी मैं अभी बहुत समय था अजमाने का परुन्तु पुन्हानी जी की उम्र अब 55 साल के पार हो चली थी| परिवार में बच्चे बड़े हो रहे थे और ज़िन्दगी के थपेड़े लगातर पड़ रहे थे| पत्नी का बच्चो का उनके ऊपर बहुत दबाव था की डायरेक्ट सेल्लिंग (Direct Selling business) छोड़ कर कुछ और बिज़नस करे इसमें समय ख़राब न करे |

इतने साल नेटवर्क मार्केटिंग (What is Network Marketing) को समझने के बाद यह बात तो उन्हें समझ आ गयी थी प्रोडक्ट बेस्ड कोई कंपनी ही ज़िन्दगी भर आमदनी दे सकती है बिना प्रोडक्ट वाली बाइनरी कंपनियों मैं शुरू मैं आमदनी तो ज्यादा होती है पर ज्यादा दिन तक मार्किट मैं टिक नहीं पाती और साल दो साल बाद फिर से नयी कंपनी, नया गड्डा, खोदो और ईमारत बनाओ जो दोबारा साल दो साल बाद गिर ही जाएगी|


इसी बीच Vestige Marketing की शुरुवात हुई और रमेश पुन्हानी जी ने अनुभव और दक्षता के आधार मान कर उसमे जी जान से जुट गए| उम्र से इस पड़ाव पर भी कुछ कर गुजरने की आग उनमे बिलकुल भी कम नहीं थी बल्कि मेरे जैसे 24 साल के युवा से कही अधिक थी| इसका कारण था ज़िन्दगी मैं क़र्ज़ का गहरा दबाव और जवान होते बच्चो की शादी की चिंता| वोह कहते है न भगवन भी उनका साथ देता है जो हिम्मत नहीं हारते – “ हिम्मते मर्दा मददे खुदा ” |

उम्र के इस पड़ाव पर भी वोह दिन रात नेटवर्क बनाने (Direct Selling Team Building) के लिए दोड़ते रहे 55 की उम्र मैं सुबह दिल्ली शाम को अलीगढ और अगले दिन सुबह कानपूर महीने मैं 25 दिन घर से बहार रहकर खून पसीना एक कर, एक एक तिनके को जोड़ जैसे चिड़िया घोसला बनती है ठीक वैसे ही आज लाखो लोगो का नेटवर्क उन्होंने तेयार कर दिया और आज महीने की आमदनी 7 अंको मैं ले रहे है| जब मेरी पहली मुलाकात हुई थी उनके पास एक बजाज स्कूटर हुआ करता था आज 3-4 कार घर के बहार ड्राईवर के साथ रहती है | एक एक पैसे को मोहताज़ ज़िन्दगी मैं अब आराम है महीने दर महीने आज कम से कम काम करके भी एक अच्छी पेंशन के रूप मैं लाखो की आमदनी ले रहे है|

श्री रमेश पुन्हानी जी भारत की नेटवर्क मार्केटिंग इतिहास की बेहद प्रेरणा दायक अमर कहानी है, मैं उनकी अच्छी सेहत और लम्बी उम्र की कामना करता हूँ और पिछले २० सालो में दिए उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए आभारी हूँ |

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डायरेक्ट सेल्लिंग में कामयाबी के अचूक मंत्र (Direct Selling Success Formula) जरूर पढ़े और शेयर करे |

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